शनिवार, 11 जुलाई 2015

स्वास्थ्य का रहस्य Health Secrets

माता के गर्भ में 
मनुष्य एक विवेकशील प्राणी हैं, आकर्षण के प्रलोभन से भ्रम में अपने स्वास्थ्य को खोया उसके बाद वो अपने स्वास्थ्य को इस संसार में खोजते रहता की स्वास्थ्य का रहस्य क्या हैं. किसी भी प्राणी का शरीर का  स्वास्थ्य माता के गर्भ में नौ महीनों में बन जाता हैं. स्वास्थ्य का रहस्य प्रथम तो यही हैं, की औलाद होने से पूर्व ही गर्भ शिशु वाली माता को संतुलित पोषण आहार ही दिया जाए जिससे पुष्ट ही बच्चा पैदा हो अन्य था असंतुलित पोषणाहार से किसी पोषक तत्वों कमी या अधिकता हो सकती है. पोषक तत्वों के असंतुलन से कमजोर बच्चा पैदा होता हैं. 

बच्चा होने के बाद
माता पिता से अज्ञानता से गलत आकर्षण के कारण बच्चों को असंतुलित पोषणाहार दिया जाता है, कमजोर बच्चों में पाचन संस्थान भी कमजोर होता हैं, और इस कमज़ोरी की अवस्था में पचाने वाले भोजन की बजाय असंतुलित स्वादिष्ट भोजन जो दिया जाता है, जो किसी अनुभवियों की बजाय बाजारू बिक्री उत्पादकों के प्रलोभन से दिया जाता है. जबकि पर्याप्त प्रोटीन जो पचाने लायक हो, पर्याप्त प्राकृतिक कैल्सियम युक्त, आयरनयुक्त, विटामिनो युक्त [ खनिज ] और प्राकृतिक अवस्थाओं हो दिया जाना चाहिए. भोजन के साथ साथ मानसिक ज्ञानवान पोषण भी दिया जाना जरूरी होता है, एक अच्छी शिक्षा उस बच्चे को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रदान करता हैं.

युवा होने के बाद 
युवा होने के साथ-साथ आदतों का विकास हो चुका होता हैं, अच्छी या बुरी जो आदत बन गयी होती उसी आदत से वो अपना भोजन ग्रहण करता है, शरीर अब तीन अवस्था से एक प्रकार का अपने पास होता हैं, दुबला-पतला [ कृश ], मोटा और सबल [ पुष्ट ] अब तीनों प्रकार के शरीर को अलग-अलग भोजन की आवश्यकता होती है, दुबले को पर्याप्त प्रोटीन युक्त, मोटे को वसा मुक्त, सबल को संतुलित आहार की आवश्यकता होती हैं. खोये हुए स्वास्थ्य को वापस प्राप्त किया जा सकता है, इसके लिए एक अच्छे प्रशिक्षित आहार विशेषज्ञ से ही परामर्श किया जाए तो आप भी एक अच्छा उर्जावान शरीर को प्राप्त कर सकते है . 
     

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