मंगलवार, 14 जुलाई 2015

भ्रम में धोखा खाने से कैसे बचे !

भ्रम सभी को होता हैं, पर भ्रम से पहचान सभी को नहीं होती हैं, और जब भ्रम से पहचान होती तो वास्तविकता से पहचान हो जाती हैं, भ्रम में इंसान ढगा जाता है, भ्रम में इन्सान डर जाता हैं. कुल मिलाकर भ्रम नुकसानदायक होता हैं. अक्सर इन्सान भ्रम की वजह से अपनी जिद्द बनाये हुए रहता हैं, और अपने आप को सत्य साबित करता रहता हैं. परन्तु वास्तविक ऐसा होता नही हैं, जिद्दी किस्म के लोग अपनी बुद्धि में इतना गहरा सोच समझ लेता की जो मैं कह रहा वो ही सत्य हैं. उनका किसी दुसरो का कहा नहीं मानना एक जिद्दीपन का आचरण होता हैं, और जो इस प्रकार का होता वो वक्त बर्बाद कर रहा होता है, क्यों की वो अचेतन अवस्था में होता है. निम्न चित्र में आप को बताया जाये की इस चित्र में दो लाल रेखाए है कौन सी बड़ी कौन सी छोटी है, तो जाहिर है प्रथम बड़ी दिखेगी, और दूसरी छोटी लगेगी, जबकि ऐसा नहीं हैं, जब इन दोनों को मापनी से मापा जाए तो हकीक़त तो दोनों रेखाए समांतर हैं, इसी प्रकार से इन्सान अपनी अज्ञानता के कारण आज ठगा जा रहा है, जैसे कोई विश्वविद्यालय कोई डिग्री देता है और कोई दूसरा विश्वविद्यालय डिग्री देता है तो डिग्री का नाम तो समांतर हो सकता हैं, परन्तु उसकी मान्यता का समांतर होना उसका सत्यापन के बाद ही पता चलता है की सत्य क्या है, मान लो आप जो सोना ख़रीद रहे हो वो एक व्यापारी आप को सोना 22 कैरेट माप का दे रहा और आप से भाव 24 कैरेट का ले रहा है, जो आप को बढ़ा-चढ़ा कर बता रहा हैं. और दूसरा व्यापारी 22 कैरेट का सोना दे रहा और 22 कैरेट सोने का ही भाव ले रहा तो आप तो प्रथम वाले व्यापारी से ठगे जा रहे हो, जब की दूसरा व्यापारी आप को 22 कैरेट सोना बता कर 22 कैरेट सोना का ही पैसा ले रहा हैं. वो आप को बात बढ़ा-चढ़ा कर नहीं बोल रहा है. तो आप की पारखी नजर का होना जरूरी होता हैं. ये तब ही होगा जब आप अपना भ्रम को ज्ञान से दूर कर देंगे तो ठगे जाने से बच सकते हैं.  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें