शुक्रवार, 14 नवंबर 2014

विचार

प्यारे विचार्थियो आपने विद्यार्थी शब्द सूना है, लेकिन विचारार्थी शब्द नही सुना जो पुस्तकों का ज्ञान ओर जानकारी लेना चाहते है, वे विद्यार्थी होते है जो विचारों का अर्थ सिद्ध करना चाहते है वे विचाराथी होते है विचारों द्वारा विचारों पर करके विचारों के पार जाने की कला का नाम है, विचारायम विचारायम यानि विचार नियम जो बिना रुके दिन भर चलता रहता है इसलिए यह कहना उचित है की आपका एक सशक्त विचार आपका जीवन सवार सकता है मनुष्य जीवन के चार आयाम है जिनकी मदद से इंसान पृथ्वी पे आने का उद्देश्य सफल कर सकता है, ये आयाम हैं. 1. आयाम आसनायम शारिरीक शक्ति का व्यायाम  2. आयाम प्राणायाम साँस की शक्ति का आयाम  3. आयाम है विचारायम सोच की शक्ति का आयाम 

मंगलवार, 12 अगस्त 2014

वृद्धि और विकास

धीरज 
आप ने देखा होगा हर तथ्य या पहलू का विकास होते शीघ्रता से देखना चाहते परन्तु हम देख नहीं पाते. सकारात्मक हो या नकारात्मक विषय, इस का विकास ठीक किसी फल या फुल के घटते-बढ़ते तो हम देख नहीं पाते. किसी पौधे को भी हम उस के पास बैठ कर ध्यान पूर्वक देखते तो उसका बढ़ता-घटता क्रम हमे दिखाई नहीं देता, परन्तु जब धीरज रखकर देखे तो एक रात्रि में पैमाने के बाद उस पौधे का विकास में बढ़ता क्रम सुबह के पैमाने में कितना घटता-बढ़ता क्रम दीखता हैं. ठीक इसी प्रकार से जिंदगी में भी शिक्षा, चिकित्सा, व्यवसाय आदि का क्रम धैर्य से ही प्राप्त कर सकते हैं.  

शनिवार, 19 जुलाई 2014

वृद्धि और विकास


किसी शिशु या बालक के वृद्धि और विकास की जीवन यात्रा में सर्वप्रथम अभिभावक की महत्वपूर्ण योगदान रहता हैं. जितना जागरूक अभिभावक होगा उतना ही अच्छा गुणवान, ज्ञानवान और धनवान होगा, शिशु अथवा बालक का दूसरा महत्वपूर्ण योगदान शिक्षा देने वाला गुरु का स्थान होता हैं. तीसरा महत्वपूर्ण स्थान उस शिशु या बालक का होता जो दी जा रही शिक्षा को ग्रहण करें.

शनिवार, 5 जुलाई 2014

सुविधा और संस्कार

सुविधा और संस्कार एक सिक्के के दो पहलू है, और सिक्का दो पहलू से चलता हैं.
बच्चे को सुविधा और संस्कार इन दोनों की आवश्यकता होती हैं. संतुलित सुविधा और संस्कार की बजाय अगर बच्चे को सिर्फ सुविधा ही मिलेंगी तो बच्चे के बिगड़ने की सम्भावना अधिक होगी. जहा तक हो सकें सुविधा कम मिले और संस्कार अधिक मिले तो बच्चे के विकास की उम्मीद ज्यादा बढ़ जाती हैं. संस्कार में अनुशासन होता हैं, केवल सुविधा में भ्रम का आनंद होता हैं, और बच्चा एक बार जब सुविधाओं का भोगी हो जाता हैं, तो फिर भोग का कारण रोग हो जाता हैं, क्योंकि सिखा गया आचरण फिर जल्दी छुटता नहीं हैं. इस लिए बच्चे को पहले अच्छे संस्कार दीजिये तो सुविधाओं के साथ-साथ अच्छा जीवन जी सके. 

गुरुवार, 3 जुलाई 2014

जय

चलिए छोटे छोटे कदमों से, बेबी कदम से आगे बढ़िये. दुनियाभर में हर जीत के लिये, बीमारी को मिटाने के लिए, ख़ुशियों को पाने के लिए, अपना लक्ष्य प्राप्त के लिए. चलिए अपने कदमों को दी जिये बेबी कदम. सफलता आप के कदम चूमेगी .      

बुधवार, 2 जुलाई 2014

छोटा छोटा

छोटा से बड़ा बनता हैं, लघु से वृद्धि की दिशा का ग्राफ़ बढ़ता हैं, बीज छोटा होता और उसी बीज से बड़ा फल दाई वृक्ष होता. मन छोटे से बड़ा बनाइयें. जैसे छोटे मिली मीटर से मोटा मीटर नापा जाता हैं, छोटे ग्राम से बड़ा किलोग्राम नापा जाता हैं, छोटे किलोमीटर से बड़ा किलोमीटर नापा जाता हैं, हर शुरुआत का काम छोटी से बड़ी बनता हैं.     

जीवन

जीवन जीने के लिए 
जीवन जीने के लिए, जियो जी भर के. जब हम इस संसार में आये हैं जीने के लिए तो दिल खोल कर जियो. हर्ष, उल्लास, उमंग और आनंद से जियो. महानुभवो कल हो ना हो, कल हम रहे न रहें, चिंता छोड़ो सुख से जियो. कल गया. कल आएगा, दोनों कल हमारे हाथ में नहीं, तो फिर चिंता कल की क्यों, इसलिये जियो आज जियो, मस्त मुस्कान से जियो.             

जय गणेशजी

जय जय गणपति देवा, माता थाकी पार्वती. पिता महादेवा. जय गणेश देवा .