व्यक्ति को शौर्यवान होना चाहिए, इंसान शौर्यवान तब ही होगा जब वो अपने वीर्य की रक्षा करेगा, वीर्यवान ही शौर्यवान होता हैं. जिसने वीर्य की रक्षा की वीर्य उसके स्वास्थ्य की रक्षा करता हैं.
अल्प वीर्यवान होना कमजोर पुरुषार्थ वाला व्यक्तित्व जाना जाता हैं. अल्प वीर्यवान में साहस का अभाव होता है, अल्प वीर्यवान में भयभीत रहता है, अल्प वीर्यवान में आत्म विशवास की कमी होती हैं,
वीर्यपात करने वाला कभी शौर्यवान नहीं बना सकता हैं, वीर्यपात करने वाला कामी होता कामी पुरुष के दिमाग में रंग रेलिया मानना आता है, और रंगरेलिया माननेवाला के सपने हमेशा आनन्द, मौज, मस्ती के सपने दीखते है एक दृर्ष्टि दोष हो जाता है हर ओरतें भोग की वस्तु ही दिखती हैं.
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