बुधवार, 14 अक्तूबर 2015

रविवार, 11 अक्तूबर 2015

आधुनिक जीवन शैली


G 1. आधुनिक जमाना नई जनरेशन में शर्मा जी ने नया रेडियो ख़रीद कर गाँव में लेकर आये, रेडियो में तत्कालीन अंग्रेजी राज में रेडियो उत्पादन से फ़िल्मी गीतों का आना, बहुत अच्छा लगता था, रोचकता इतनी थी कि गाय को चारा डालना में भूल हो जाती तो पिताजी से फटकार सुननी पड़ती थी. ताज़ा समाचार सुनने वाले गाँव के लोगो को संख्या बल शर्मा जी के रेडियो के पास बढ़ जाती थी. जिसमे सुबह शाम का समयावधि निर्धारित रहती थी, और इस प्रकार आकाशवाणी के कार्यक्रम सार्वजनिक सुने जाते थे, रेडियो वाणी सुनने के लिए लोगो में आपसी भाईचारा नये रग में जमने लगता था. फिर भी पोते पोतियों को लौरिया दादा-दादी सुना ही लेती थी.

G 2. का आधुनिक जमाना आया, G 1 के संयोग से रेडियो का स्थान अब टीवी ने ले लिया, टीवी एक कक्ष में 30 - 35 लोगो का जमावड़ा घर में आने लगा, घर का पानी कम पड़ने लगा, शुरू शुरू में सब अच्छा लगता परन्तु दादा-दादी जी की आवाज़ अब सुनाई किसी को नहीं पड़ती थी, की गाय आज घर नहीं आई, कौन उसको लेने जाए.

G 3. का आधुनिक जमाना आया, घर में कमरो का विस्तार हुआ, गाय बेच दी गई, आय की बढ़ोतरी में टीवी का पति-पत्नी में निजीकरण, दादा-दादी गुज़र गये, शर्मा जी बाहर होल में बेटे-पोते अपने निजी कक्ष में टीवी कार्यक्रम देखने में मगशुल, थोड़ी दूरियाँ होनी शुरू हो गई अपने परिवार से, अब चाय पानी, नाश्ता और खाना अनियमित हो गये.

G 4. का आधुनिक जमाना आया क्या आया विज्ञान का तूफान आया दुनिया शर्मा जी के पोते की मुट्ठी में, शर्मा की हांडी फोड़ दी गई, चूल्हा-चौका आधुनिक, नाश्ता पास्ता रेडी टू ईट मेक इन मेक्डोल इन ओंन कोल, पोता विदेश में तो बेटा देश में शर्मा जी गाँव में, स्मार्ट फोन, स्मार्ट रिश्ते, शर्मा जी अन्दर ही अन्दर पिसते की क्या वो भी जमाना था, पिता जी की डाट की गाय को चारा नहीं डाला, मामला रेडियो तक ही था, और धीरे धीरे विज्ञान का ज्ञान भौतिक बढ़ा और रिस्तो का ज्ञान अभौतिक बढ़ा, वाह वाह रे जमाना सुई की नौक से हाथी कब निकला पता ही नहीं चला, पोता बीजी, बेटा राजी, दादा-दादी पाजी, चली गई रिस्तो की डोर, ग़जब आई रिस्तो की भौर, मुँह में अब नहीं दाँत, पेट में नहीं आँत, हम तो सुन लेते डाट अब हम किसे सुनाये बात, सुविधाए आ गई, चले गये संस्कार, अब पूर्वजो का रह गया तिरस्कार ! 
अब आप बता ये क्या होगा G 5 का हालात.