शुक्रवार, 6 जुलाई 2018

आत्म सुरक्षा

आत्म सुरक्षा करना मानव स्वभाव है, आत्म सुरक्षा करने के उपाय भी जानना जरूरी होता है, बच्चों को शिक्षा देनी चाहिए की अपनी आत्म सुरक्षा कैसे करे. देश, प्रान्त और काल के अनुसार आत्म सुरक्षा का ज्ञान हो आवश्यक होता है. पहले सयुंक्त परिवार होते तब पोते-पोती के लालन-पालन की जवाबदारी दादा-दादी की होती थी. वर्तमान समय आधुनिकता की भाग-दौड़ में छोटे छोटे परिवार यानि पति-पत्नी तक का सीमित दायरा हो गया है. इसलिए बच्चों की आत्म रक्षा के उपाय को जानना जरूरी है.
1. छोटे  बच्चों की आत्म सुरक्षा
एक युवा दंपत्ति के लिए माता पिता बनना पहला सुखद अनुभव होता है, जो उत्साहवर्द्धक होता है, ख़ुशी-हर्ष का परिवार में शिशु आने से माहौल हो जाता है, शिशु जीवन अपने माता-पिता के पालन-पोषण पर निर्भर करता है,
2. शिशु स्नान
शिशु या बच्चे को स्नान करने के बाद बालों को साफ तौलिये से पोछ देना चाहिए, गिले बालों से शिशु या बालक को पंखे के नीचे नही सुलाना चाहिए, अन्य था बालक को सर्दी जुखाम होने की सम्भावना होती है, इसलिए हो सके पंखा बंद रखे, गर्मी जैसे मौसम में गिले बालों को पूछ कर ही बालक को पंखे के नीचे सुलाए.

2. घर को सुरक्षित बनना-
घर में काफी खुला स्थान होता है, उन खुले स्थानों को ढक दे, वहां गंध दुर्गन्धयुक्त को सामान ना हो, दवाई, माचिस, गैस लाइटर, केमिकल और टेबुल किनारों पर भारी सामान जी हल्के चोट से गिरने की सम्भावना हो को सुरक्षित रखे. गर्म प्रेस हो सके दूर रखे.

3.. मोटर वाहन को सुरक्षित बनाना
आजकल मोटर वाहन होने से युवा दंपति ड्राइव के दौरान बच्चे को सिट पर सुला देते है, इसके लिए शिशु या बालक के लिए आराम दायक, उठाने लायक डिज़ायन किया सीट होनी चाहिए.

4. तेज धारदार आत्म रक्षा
घरेलू आवश्यक सामग्री होती जो बच्चों के नाज़ुक हाथों को नुकसानदायक हो सकती जैसे तेजधार दार चाक़ू, रेजर की पत्ती, ऊपरी दराज़ या दीवारों पर लगा देना चाहिए.

5. बिजली के साकेट
बिजली के साकेट आज कल बहुत लगा ये जाते है, कई बार उनको खुला रख दिया जाता है, इन साकेटो को खुला नही रखे, इस साकेटो में फोन, बैट्री, प्रेस, हेयर ड्रायर, अन्य सार्जेबल सामान को खुला नही रखे.
आजकल बिजली की फिटिंग नीचे स्तर पर की जाती है, नीचे फिटिंग में इलेक्ट्रिक साकेट को खुला नहीं छोड़े, कपड़ों की बिजली चलने वाली गर्म प्रेस को खुला नहीं छोड़े, बच्चों की पहुँच से दूर रखे.

6. पर्दे की डोरिया [ रस्सी ]
दरवाज़े, खिडकियों के पर्दों को उपर उठाने के लिए उसमे डोरिया [ रस्सी ] होती उनको ढीला नही छोड़े, इस रस्सियों से बच्चों को खतरा हो सकता है.

7. गरम पानी से आत्म सुरक्षा
हीटर से या अन्य उपकरण से घरेलू गर्म पानी से बच्चों को खतरा हो सकता है, इसलिए इन पानी को खुला नहीं छोड़े.

8. पानी से आत्म सुरक्षा
घरेलू टब, बाल्टी पानी के बर्तन होते है जिसमे पानी भरना आवश्यक होता है, ये पानी से भरे बर्तन खुला छोड़ देने से बालक को खतरा होने की सम्भावना होती है, इसलिए इस पानी भरे बर्तनों को खाली नहीं रखना चाहिए.

9. पालतू पशु से आत्म रक्षा
घरेलू पालतू पशु बिल्ली, कुत्ता के सहारे बच्चों को  अकेला नही छोड़ना चाहिए, अकेला अवस्था में ये पशु बच्चों को हानि पहुँचा सकते है.

10. अनावश्यक औषधियों से आत्म रक्षा
आजकल अनावश्यक औषधियों का भंडारण घरो में होने लगा है, इसलिए हो सके जहा तक बच्चों की पहुँच से दूर ही रखना चाहिए जिससे बच्चे की आत्म रक्षा में सुनिश्चित हो सके.

बुधवार, 4 जुलाई 2018

बच्चो का विकास 1

परवरिश
1. प्रथम माता पिता का सम्मान करना बच्चों को अवश्य सिखाना चाहिए, माता पिता स्वयं भी अपने माता पिता की औलाद है, आप अगर अपने माता पिता का सम्मान देंगे तो आप के बच्चे आप से ही सीखेंगे, की हमारे माता पिता कैसे, उनके माता पिता का सम्मान करते है, वो आप के छोटे छोटे बच्चे आप से ही शिक्षा लेता है. हर व्यक्ति अपने बचपन में जो देखता है, उसको ही जिंदगी में आगे उसका अभ्यास करता है, इसलिए आप स्वयं अपने माता पिता का सम्मान कीजिये और अपने बच्चों को माता पिता का सम्मान करना सिखाईये. जिससे आप की समाज में अच्छी इज्जत , मान मर्यादा बनी रहेगी.

2. दूसरा गुरु ही वो भगवान है, जो हमे इस दुनियाभर में शिक्षा देकर,  महान, विद्वान, गुणवान, धनवान, और प्रगतिशील बनाते है, उनका सम्मान करना अपने बच्चों को अवश्य सिखा ये.

3. शिक्षा - जहा तक हो सके बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अवश्य दिलानी चाहिए, ये पालन-पोषण की बात है, अपनी क्षमता के अनुसार अच्छे स्कूल में शिक्षा दिलानी चाहिए, बच्चे की शिक्षा का पूँजी निवेश जिंदगी
भर में एक बार ही होना है, ये बार बार नहीं होता, बच्चे बड़े होने के बाद आप शिक्षा नहीं दिला सकते है, जिंदगी में आप दोबारा, मकान ले सकते है, जिंदगी में आप दोबारा मोटर वाहन इत्यादि ले सकते है, जिंदगी में आप दोबारा मकान बना सकते है, परन्तु शिक्षा से वंचित व्यस्क बच्चे को दोबारा शिक्षा नही दिला सकते.शिक्षा के मामले में आप कंजूसी नहीं कीजिये, अपने सामर्थ्य के अनुसार बच्चे को अच्छी से अच्छी स्कूल में पढ़ाइये, अच्छा ट्यूशन दीजिये, अच्छा कोचिंग दीजिये, हो सके जहा तक बिना रुकावट अच्छी शिक्षा दीजिये, हर कार्य आप दोबारा कर सकते पर बच्चों को दोबारा आप शिक्षा नहीं दिला सकते, ये सुनहरा अवसर हाथ से मत जाने दीजिये. बच्चे की शिक्षा निवेश जिंदगी में एक बार ही होना है. शिक्षा एक ऐसा निवेश है, जो आप के बुढ़ापे का सहारा होता है, अगर आप की औलाद अच्छी शिक्षित है तो वो जिंदगी भर सुख से रहेगा और आप को भी बुढ़ापे में सुखी रखेगा.