व्यक्तित्व विकास

जन्म से पूर्व मनुष्य का विकास माता के पेट में होना शुरू हो जाता है. शारीरिक, मानसिक पोषण शिशु का गर्भवती महिलाओं के गर्भ से होता है, प्राय सभी जानतें है . शिशु जन्म के वक्त दुबला-पतला या मोटा होना पाया जाता है जो शारीरिक अवस्थाओं देखा जाता है . दिमागी विकास उम्र के साथ साथ विकाशील होता रहता है, जो सामाजिक और संस्क्रति के प्रेषण से सीखता है उस को जीवनशैली का हिस्सा बनाता हैं.  

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