शनिवार, 11 जुलाई 2015

आधुनिक जीवनशैली

आधुनिक युग में आज का युवा आराम पसंद और सुविधा सम्पनता से जीना चाहता है. वर्तमान का जीवन इंटरनेट की उपयोगिता से व्यस्तता में लीन रहता है. होने से आहार विहार में परिवर्तन आ गया है जिसके कारण वो अपनी भरी जवानी में बुढ़ापे का आनन्द ले रहा है. जो बीमारियाँ अपने पिता की उम्र में लगती आज वो बीमारियाँ पुत्र को साथ साथ लगने लग गई है. हृदय रोग, मोटापा, मधुमेह, और तनाव की बीमारियाँ निरंतर बढ़ रही है, आज के युवा को आर्थिक संपन्नता अवम उपलब्धता की वजह आलसी जीवन हो गया गया है. ताज़ा आहार खाने की बजाय बासी कम्पनी उत्पादकों के सहारे अपना आहार पोषण करते है, कपड़े स्वयं धोने की बजाय वासिंग मशीन से धोये जाते है. पैदल भ्रमण कम हो गया है, थोडा  बहुत चलना होगा तो स्कूटर, मोटरसाइकिल या कार का सहारा लिया जाता है, यदि इस प्रकार की आवश्यकताओं में कोई बाधा आती तो व्यक्ति कुंठित होता है और इस कुंठा के कारण तनावपूर्ण जीवन अनरुदी संघर्ष जीना शुरू कर देता जिससे उसका विकास अवरुद्ध हो जाता हैं. सोते समय तनाव होने से नींद में बाधा आती हैं, जिससे बढ़िया गहरी नींद आनी चाहिए वैसी नींद नहीं आती जिससे दिन में उबासी आती हैं, भोजन करने में मन नहीं लगता है. जिसके कारण शारीरिक संतुलन में गड़बड़ी आ जाती है.  शारीरिक और मानसिक असंतुलन से से भावनात्मक रिश्तों में भ्रम पैदा होता हैं. और भ्रम की वजह से दैनिक कार्यो में असंतुलन पैदा हो जाता हैं जिससे दुसरो के व्यवहार में विसंगतिया आ जाती है, इसलिए कोशिश ये रहनी चाहिए की अपना दैनिक कार्यक्रम में व्यायाम जरूरी हो और दिन भर के कार्यो की एक सारणीबद्ध जीवनशैली होना चाहिए जिसमे संतुलित भोजन भी होना जरूरी है, समय पर पर्याप्त नींद भी लेना जरूरी होता है ताकि आप सुंदरता के साथ सबलता से अपना जीवन भरपूर आनंदित जी सकें.   

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